यशपाल – तताँरा वामीरो कथ | Class 10 Hindi Chapter 10 Notes
पुस्तक: क्षितिज भाग 2 (गद्य खंड)
लेखक: यशपाल
📘 पाठ परिचय
‘तताँरा वामीरो कथ’ लेखक यशपाल द्वारा लिखी गई एक काल्पनिक लोक-कथा है जो अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के एक ऐसे युवक की कहानी है जिसने जातिवाद और सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाई। यह कहानी प्रेम, संघर्ष, बलिदान और समानता के मूल्यों को उजागर करती है।
🧑🎓 लेखक परिचय
- नाम: यशपाल
- जन्म: 3 दिसंबर 1903, फिरोजपुर, पंजाब
- कार्य: लेखक, स्वतंत्रता सेनानी
- विशेषता: समाजवादी विचारधारा, क्रांतिकारी लेखन शैली
- प्रसिद्ध रचनाएँ: झूठा सच, दिव्या, देशद्रोही
📚 कहानी का सारांश
कहानी अंडमान द्वीप समूह के एक छोटे से गांव में रहने वाले युवक तताँरा की है। वह एक सादा और सच्चा व्यक्ति था जो वामीरो नामक लड़की से प्रेम करता है। लेकिन तताँरा और वामीरो अलग-अलग जातियों से थे, जिससे उनका प्रेम समाज को स्वीकार नहीं था।
तताँरा समाज के अन्यायपूर्ण नियमों और जातिगत भेदभाव का विरोध करता है। वह वामीरो से विवाह करना चाहता है, लेकिन समाज इसका विरोध करता है और दोनों को अलग कर देता है। अंततः, समाज के विरोध के कारण वामीरो की मृत्यु हो जाती है और तताँरा को भी बलिदान देना पड़ता है।
उनकी प्रेम कथा लोकगाथा बनकर पीढ़ियों तक लोगों के बीच जीवित रहती है। यह कहानी दिखाती है कि सच्चा प्रेम, जाति-पाति और समाज के बंधनों से ऊपर होता है।
💡 मुख्य संदेश
- जातिवाद और सामाजिक भेदभाव मानवता के विरुद्ध हैं।
- प्रेम और समानता का मार्ग चुनने वाले हमेशा अमर होते हैं।
- सच्चा प्रेम साहस और बलिदान की माँग करता है।
🎨 भाषा और शैली
- भाषा: सरल, प्रवाहपूर्ण, कथात्मक
- शैली: लोक-कथा के रूप में प्रेरणादायक लेखन
- मुख्य विशेषता: भावनात्मक चित्रण और सामाजिक सन्देश
❓ महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर
- प्रश्न: तताँरा और वामीरो की प्रेम कहानी समाज के लिए क्या संदेश देती है?
उत्तर: यह प्रेम कहानी बताती है कि जाति और भेदभाव से ऊपर इंसानियत और सच्चा प्रेम होता है। - प्रश्न: तताँरा ने किस अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई?
उत्तर: तताँरा ने जातिगत भेदभाव और सामाजिक रुढ़ियों के खिलाफ विद्रोह किया। - प्रश्न: इस कथा को लोकगाथा क्यों कहा गया है?
उत्तर: क्योंकि यह जन-जन में प्रसिद्ध हो गई और पीढ़ियों तक सुनाई जाती रही।
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