अज्ञेय – मैं क्यों लिखता हूँ? | Class 10 Hindi Chapter Notes
पुस्तक: क्षितिज भाग 2 (गद्य खंड)
लेखक: अज्ञेय (सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन)
📘 निबंध परिचय
‘मैं क्यों लिखता हूँ?’ अज्ञेय द्वारा लिखित एक आत्मविश्लेषणात्मक निबंध है जिसमें उन्होंने लेखन के उद्देश्य, प्रेरणा और उसकी प्रक्रिया के बारे में गहराई से चर्चा की है। लेखक ने यह स्पष्ट किया है कि वह आत्म-प्रकाशन, समाज से संवाद और संवेदनाओं की अभिव्यक्ति के लिए लिखते हैं।
🧑🎓 लेखक परिचय
- पूरा नाम: सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय"
- जन्म: 7 मार्च 1911, उत्तर प्रदेश
- मुख्य विधाएँ: कविता, उपन्यास, निबंध, यात्रा-वृत्तांत
- विशेषता: प्रयोगवाद और नई कविता के प्रवर्तक
- प्रसिद्ध कृतियाँ: शेखर: एक जीवनी, नदी के द्वीप, इत्यादि
📚 निबंध का सारांश
इस निबंध में लेखक ने यह प्रश्न उठाया है – "मैं क्यों लिखता हूँ?" और इसका उत्तर उन्होंने ईमानदारी और आत्ममंथन से दिया है। लेखक के अनुसार, वे लिखते हैं क्योंकि:
- यह अंतर्मन की ज़रूरत है – जैसे सांस लेना या महसूस करना।
- लेखन उन्हें स्वयं को समझने और अस्तित्व को पहचानने में मदद करता है।
- वे समाज से संवाद करने और मानव संवेदनाओं को व्यक्त करने के लिए लिखते हैं।
- कभी वे दूसरों को कुछ कहने के लिए लिखते हैं, और कभी सिर्फ चुप्पी को तोड़ने के लिए।
लेखक इस बात को भी स्वीकार करते हैं कि कभी-कभी लेखन उद्देश्यहीन भी होता है, लेकिन वह भी आवश्यक है क्योंकि वह लेखक के असली भावों को उजागर करता है।
💡 मुख्य संदेश
- लेखन एक साधना है, केवल अभिव्यक्ति नहीं।
- लेखक के लिए लिखना आंतरिक ज़रूरत होती है, न कि केवल प्रसिद्धि पाने का माध्यम।
- हर लेखक अपने अनुभवों और सोच के साथ ईमानदारी से लिखता है।
🎨 भाषा और शैली
- भाषा: दार्शनिक, आत्ममंथन युक्त, गंभीर
- शैली: आत्मविश्लेषणात्मक, विचारोत्तेजक
- मुख्य विशेषता: लेखक की लेखन-प्रक्रिया की ईमानदार पड़ताल
❓ महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर
- प्रश्न: अज्ञेय ने लेखन को किस रूप में देखा है?
उत्तर: अज्ञेय ने लेखन को आत्म-अन्वेषण, आत्म-अभिव्यक्ति और संवाद का माध्यम माना है। - प्रश्न: लेखक के अनुसार लेखन कब उद्देश्यहीन होता है?
उत्तर: जब वह केवल अपने अनुभवों या भावों को व्यक्त करना चाहता है, तब लेखन उद्देश्यहीन होते हुए भी सच्चा होता है। - प्रश्न: लेखक के अनुसार लेखन की प्रेरणा कहाँ से आती है?
उत्तर: लेखक के भीतर की ज़रूरत, संवेदनाओं की तीव्रता और अनुभवों की गहराई से प्रेरणा मिलती है।
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