सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' – उत्साह / अट नहीं रही है | Class 10 Hindi Chapter 5 Notes
पुस्तक: क्षितिज भाग 2 (काव्य खंड)
लेखक: सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
📘 परिचय
यह कविता हिंदी के महान कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा रचित है। इसका शीर्षक है "उत्साह", जो उनकी जुझारू और संघर्षशील जीवन दृष्टि को दर्शाता है। इस कविता में कवि जीवन की कठिनाइयों, निराशा और संघर्षों को सकारात्मक दृष्टि से देखने की प्रेरणा देता है। कविता का प्रमुख भाव यही है कि संकट चाहे जितने भी हों, आत्मबल और उत्साह से हम उन्हें पार कर सकते हैं।
यह कविता विशेष रूप से छात्रों और युवाओं के लिए अत्यंत प्रेरणादायक है क्योंकि यह हमें हार मानने के बजाय निरंतर आगे बढ़ने की सीख देती है।
🧑🎓 लेखक परिचय – सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
- छायावाद युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक।
- कविता, कहानी, उपन्यास और निबंध – हर विधा में लेखन।
- प्रमुख रचनाएँ: परिमल, अनामिका, कुकुरमुत्ता, सरोज स्मृति
- भाषा: संस्कृतनिष्ठ हिंदी
- काव्य विषय: संघर्ष, सामाजिक विषमता, स्वतंत्रता, करुणा
📚 कविता का सारांश (सरल भाषा में)
कविता में कवि कहता है कि परिस्थितियाँ चाहे जितनी भी कठिन हों, अगर मन में उत्साह
लेकिन एक सच्चा वीर वही है जो इन तूफ़ानों से घबराए बिना, पूरे साहस के साथ उनका सामना करता है। कवि कहते हैं कि हमारी आंतरिक शक्ति, हिम्मत और उत्साह
यह कविता हमें सिखाती है कि असली सफलता वहीं मिलती है जहाँ कठिनाई के बाद भी हम अपने रास्ते पर डटे रहते हैं।
✍️ प्रमुख पंक्तियाँ और भावार्थ
1. अट नहीं रही है, अट नहीं रही है!
👉 यह पंक्ति दर्शाती है कि कठिन परिस्थितियों में हमारी स्थिति डगमगाने लगती है, लेकिन हमें डटे रहना चाहिए।
2. तीर की तरह कस गई पीठ मेरी
👉 कवि बताते हैं कि कैसे संघर्ष ने उन्हें मजबूत और सशक्त बना दिया है।
3. झुकना मुझे मंजूर नहीं
👉 कवि का यह आत्मविश्वास उनके अदम्य साहस और उत्साह को दर्शाता है।
💡 कविता का संदेश
- जीवन में संकटों से डरने की बजाय मुस्कुराकर सामना करना चाहिए।
- मनुष्य की अंतर्निहित शक्ति हर बाधा को पार कर सकती है।
- हमें अडिग, साहसी और आत्मविश्वासी बनना चाहिए।
🎨 भाषा और काव्य सौंदर्य
- भाषा: संस्कृतनिष्ठ हिंदी
- शैली: प्रेरणात्मक, वर्णनात्मक
- रस: वीर रस
- अलंकार: अनुप्रास, रूपक, उपमा
❓ महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर
- प्रश्न: कविता में कवि ने कौन-कौन सी प्राकृतिक आपदाओं का उल्लेख किया है?
उत्तर: आँधी, बिजली, वर्षा, तूफ़ान आदि। - प्रश्न: "झुकना मुझे मंजूर नहीं" पंक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि कवि किसी भी कठिन परिस्थिति के सामने हार मानने को तैयार नहीं है। - प्रश्न: कविता का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: कठिनाइयों में भी उत्साह बनाए रखना और निरंतर संघर्ष करते रहना ही सफलता की कुंजी है।
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